लेखनी-कविता-मोबाईल -17-Feb-2022
मोबाइल
हर हाथ को काम मिलेगा,
नारा यह सफल हो गया,
जब से आया हैं मोबाइल,
हर हाथ को काम मिल गया,
नहीं रहा कोई बेरोजगार यहाँ
सबके हाथ आ गया हैं,
मानो रोजगार यहाँ,
सबके सब व्यस्त हैं,
मोबाइल मिल गया,
बच्चों से बुजर्गों तक,
नशा छा गया इसका,
कोई करता हैं,
इसका सद-उपयोग,
कोई करता हैं,
इसका दूर-उपयोग,
क्योंकि ...........,
अच्छाई और बुराई से,
ये भरा पड़ा हैं,
मोबाइल से निभाता,
सच्ची रिश्तेदारी हैं,
वास्विकता की,
रिश्तेदारों से हो गया हैं दूर,
जब चाहे जोड़ लेता हैं,
चाहे जब छोड़ के दूर,
सबने इसको,
खिलौना समझ रखा हैं,
इस खिलौने से सबको,
खिलौना समझ रखा हैं,
पूरी दुनियां इस हैं,
मोबाइल से लाचार हैं,
सभी निभाते हैं,
इससे बड़ी ही यारी,
मानव जाती पर अब,
मोबाइल हैं यह भारी,
कोई किसी की नहीं सुनता,
यह दुविधा भारी,
जब से आ गया हैं,
मोबाइल सबके हाथों में,
कोड़ी की कमाई नहीं,
घड़ी की फुर्सत नहीं,
करोड़पति हो या भिखारी,
सब दौड़ा रहे हैं मोबाइल,
मोबाइल की भी हैं,
महिमा बड़ी भारी,
जो जुटाए जानकारी,
केवल हितकारी,
समझो तब हैं,
मोबाइल केवल मंगलकारी,
वैष्णव चेतन "ची
गामड़ी नारायण
बाँसवाड़ा
राजस्थान
२४.०९.०२०
स्वरचित-मौलिक और अप्रकाशित मेरी रचना
Punam verma
17-Feb-2022 06:26 PM
Nice
Reply
Seema Priyadarshini sahay
17-Feb-2022 05:31 PM
सही बात
Reply